ऐसा करो कि जीवन के अंत में भी काम आए : पं. वैद्य

ऐसा करो कि जीवन के अंत में भी काम आए : पं. वैद्य

 

जीवनभर आप जो काम करोगे, वह अंतिम समय तक काम आएगा। जीवन में ऐसे काम करो कि जीवन के अंत में भी काम आए। आत्मा को संसार में किसी ने नहीं देखा है, आत्मा अजर अमर है। आत्मा को कभी दुख नहीं होता है। उक्त उदगार श्री रिद्धि-सिद्धि गणेश

 

ने और देने का मंदिर गजानंद धाम धार फाटा माकनी में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत टद्वारा कथा के चतुर्थ दिवस श्रीकृष्ण तहत जन्मोत्सव पर शनिवार को पं. दीपकृष्ण – एक वैद्य ने व्यक्त किए। पं. वैद्य ने आगे संस्था कहा कि कथा सत्संग सुनने के बाद भी दिए मनुष्य अपने जीवन को सुधार लेता है, पाल तो उसका जीवन सुखमय व स्वर्ग में ले, जाने के समान हो जाता है। मनुष्य अगर बने, अपने जीवन में दुष्कर्म करता है, तो चंद्र नरक में जाना पड़ता है। भगवान टी श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग पर वासुदेव का रूप गधारण किए भक्त प्रहलाद चौधरी अपने – सिर पर भगवान श्रीकृष्ण स्वरूप बालक शिवांष को शोभायात्रा के रूप में कथा पंडाल लेकर पहुंचे। इस पर समूचा पंडाल भगवान की अगवानी में नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की, आलकी की पालकी जय कन्हैयालाल की से गूंज उठा। बधाई गीत गाकर भगवान की भक्ति में भक्त भावविभोर हो गए।

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कथा प्रवक्ता पं. वैद्य ने बाल स्वरूप भगवान श्रीकृष्ण को दुलारते हुए भक्तों के साथ हल्दी-गुलाल लगाते। हुए उत्साह के साथ भगवान का जन्म दिवस मनाया। माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया। जन्मोत्सव पर कथा पंडाल को आकर्षक रूप से सजाया गया था। कथा के मुख्य यजमान शंभु चौधरी व कथा सत्संग समिति के सदस्यों ने बाहर से पधारे भक्तों का सम्मान किया। कथा सत्संग में पहुंचे अनेक भक्तों ने कथावाचक पं. वैद्य का शाल, श्रीफल व पुष्पमाला पहनाकर सम्मान किया। पं. वैद्य ने भक्तों को दुपट्टा डालकर आशीर्वाद दिया। संचालन पंकज राठौड़ किया।

धार ब्यूरो चीफ बगदिराम चौहान

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