मानसून की बेरुखी से किसानो के चेहरों पर चिंताओं की लकीरें
पिपलौदा। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष सामान्य मानसून रहने की उम्मीद है 15 जून से शुरू होने वाले मानसून को लगभग एक माह के करीब होने आया है वही इस वर्ष क्षेत्र में बोवनी का क्रम भी आगे पीछे का रहा है क्षेत्र के किसी छोर पर बोवनी हुए 15 दिन के करीब हो गये है वही दूसरे छोर में अभी एक सप्ताह भी नही हों पाया है। ऐसे में मानसून की बेरुखी से किसानो के चेहरों पर चिंताओं की लकीरें साफ देखी जा सकती है। वही उम्मीद लगाये बैठे है कि जल्द से जल्द क्षेत्र में जोरदार बारिश हो जाये। इसलिए कहि- कहि अच्छी बारिश के लिए टोने टोकके का दौर भी शुरू हो गया है। बारिश नहीं होने से कई तरह के कीट या दीमक का खतरा भी मंडराने लगा है। ऐसे में किसान कृषि विज्ञानियों से सलाह लेकर खेतों में छिड़काव करा रहे हैं।
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बारिश की लंबी खेंच ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। वही मानसून की बेरुखी का असर देखने को मिल रहा है। फसल भी प्रभावित होना शुरू हो गई है। बारिश नहीं होने से कई तरह के कीट या दीमक का खतरा भी मंडराने लगा है। ऐसे में किसान कृषि विज्ञानियों से सलाह लेकर खेतों में छिड़काव करा रहे हैं। बारिश की लंबी खेंच ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खेत में नमी बनी रहे, इसके लिए किसानों ने कुलपा भी कर दिए हैं। लेकिन तेज धूप से तापमान बढ़ने कुलपा होने के बाद भी खेतों से नमी गायब हो गई। किसानों की फसल मुरझाना शुरू हो गई है। नगर व क्षेत्र में अच्छी बारिश के लिए नगर व क्षेत्रवासी खेड़ादेव पूजन भी कर चुके है