अंधेर नगरी चौपट राजा : बड़े हादसे की राह देख रहा प्रशासन बस का पहिया नाले ओर मिट्टी में धसा, लोग दौड़े ओर यात्रियों की बचाई जान
पिपलौदा। नगर में निजी व किराए की पक्की दुकानों के अलावा नगर परिषद के रिकॉर्ड के अनुसार शासकीय भूमि पर करीब 100 से अधिक टीन शेड की घुमटीयो में पारंपरिक व आधुनिक व्यवसाय संचालित किए जाते हैं। एक बड़ा वर्ग जीविकोपार्जनके लिए न्यूनतम करो पर सहज मिलने वाली इन घूमटीयों में व्यवसाय करने के लिए मजबूर है। वही इसके विपरित इन दिनों हाल ही में नगर के प्राइम स्पॉट झाला चौराहे पर सड़क किनारे अतिक्रमण कर स्थापित की गई घूमटीयों ने मानो किसी बड़ी दुर्घटना को निमंत्रण दे रखा है। करीब 2 वर्ष से पहले भी दुर्घटना में वाहनों के आपस में टकराने से जनहानि हो गई थी। जिसके बाद रहवासियों ने जिम्मेदारों को अवगत करवाकर चौराहे पर गति अवरोधक बनवाए थे। नगर में झाला चौराहा सबसे अधिक वाहनों की आवा-जाही और चहल-पहल का केंद्र है परंतु इस चौराहे का ढर्रा अभी भी सुधरा नहीं है। चौराहे पर दिन दहाड़े एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। करीब 4 बजे जावरा तरफ से रोज की तरह चौधरी बस का आना हुआ। ड्राइवर ने नए बस स्टैंड की ओर टर्न लिया इस दौरान बस का पिछला दाया पहिया रोड से लगे नाले में धस गया। जिससे बस टर्न पर ही दाएं और झुक गई और पिछला बाया पहीया हवा में उठ गया। यात्रियों से भरी बस में इस समय रक्षाबंधन पर्व करीब होने से बड़ी संख्या में गांव की बहन बेटियां भी बैठी हुई थी। चौराहे पर खड़ा हर कोई नागरिक यात्रियों को बस से उतारने के लिए दौड़ा चला आया। बस से उतरकर जाते हुए हर यात्री अपने इष्ट को धन्यवाद व्यक्त करते हुए दिखाई दे रहा था।
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अतिक्रमण के कारण साइड से कुछ दिखाई नही देता
जानकारी में बस ड्राइवर नागू ने बताया कि चौराहे पर पसरे अतिक्रमण के कारण साइड से आने वाले वाहन दूर से नजर नहीं आते। अचानक से सामने आए वाहन को बचाने के लिए टर्न लिया। इस दौरान बस का पिछला दाया पहिया रोड और नाले के बीच मिट्टी में धस गया। जिससे बस दाएं ओर झुक गई। भगवान का शुक्र है कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई।
100 मीटर दूरी पर ही है शराब का ठेका
चौराहे पर हो रहे अवैध अतिक्रमण के कारण रहवासी अलग परेशान है। राज्य सरकार द्वारा खुले में शराब पीने पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद चौराहे से करीब 100 मीटर दूर स्थित शराब ठेके से शराब लाकर रात में नांदलेटा तिराहे स्थित इन गुमटियों की आड़ में समूह बनाकर लोग शराब पीते हैं व आने जाने वाले राहगिरो से बातचीत में अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। जिससे रहवासी खासे परेशान है। इस संबंध में अतिक्रमण कर रखी गई घुमटीयो को हटाने के लिए सीएमओ से लेकर एसडीएम तक को रहवासियों ने पत्र लिखकर अवगत भी कराया है। परंतु जिम्मेदार सुध लेने को तैयार नहीं है।
विभिन्न विभागों में जाने का एक मात्र है रास्ता
नगर के बीचो-बीच स्थित अटल बिहारी वाजपेई बस स्टैंड पर प्रतिदिन आने जाने वाली सभी बसों को तो इस चौराहे से होकर ही गुजरना होता है। इसके अलावा स्थानीय कार्यालय जैसे तहसील,अनाज उपमंडी, सामुदायिक अस्पताल, एमपीइबी ऑफिस, पुलिस थाना के साथ ही जावरा-रतलाम-प्रतापगढ़ सहित कई गांव व नगरों की तरफ आने जाने के लिए भी यह चौराहा एक प्रमुख स्थान है। नगर के ऐसे हालात देखकर प्रसिद्ध रचनाकार भारतेंदु हरिश्चंद्र की प्रमुख रचना अंधेर नगरी चौपट राजा इस संदर्भ में अधिक प्रासंगिक होती नजर आ रही है। ऐसे ही हालात रहे और अगर समय पर प्रशासन नहीं जागा तो किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा इस चौराहे की शान पर दाग लगा सकता है।