जन समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने उज्जैन बासवाड़ा मार्ग पर किया चक्काजाम सेमलिया सरपंच की कार्य प्रणाली से असंतुष्ट है ग्रामीण
सेमलिया, गांव में गरीब एवं मध्यम वर्ग के कम पढ़े लिखे लोग रहते हैं उनकी मूलभूत समस्या बिजली पानी सड़क का समय पर निराकरण हो और शासन प्रशासन द्वारा गरीब एवं अनुसूचित जनजाति से जुड़े लोगों को समय पर शासन की योजना का लाभ मिले इन बातो को ही ध्यान में रखकर गांवों में सरपंच चुना जाता है लेकिन नामली के गांव सेमलिया में एक ऐसा भष्ट सरपंच भी है जो चुनाव जीतने के बाद से अभी तक अनुसूचित जाति वर्ग मोहल्ला क्रमांक 1, 2 ,3, 4 में चुनाव जीतने के बाद नहीं पहुंचा इन चारों वार्डों में मिलाकर डेढ़ सौ से अधिक परिवारों के 500 से अधिक लोग निवास करते हैं इन लोगों को मूलभूत समस्याओं से जूझना पड़ रहा है
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ना तो उनके वार्डो में समय पर साफ सफाई होती है ना हीं वार्ड में स्टेट लाइटर चलती है और इन गर्मी के दिनों में तो पीने के पानी तक के लिए पिछले दो माह से इन वार्डो के लोग परेशान हो रहे हैं सेमलिया सरपंच विशाल उर्फ मोनू चौहान को इन वार्डो की महिलाओं ने कई बार ग्राम पंचायत में पहुंचकर समस्याओं के निराकरण का आग्रह किया गया लेकिन आज तक ना तो इन महिलाओं की समय पर सरपंच ने सुनी और ना ही इनकी समस्याओं का कोई निराकरण किया सरपंच की उदासीनता और निष्क्रिय कार्य प्रणाली से त्रस्त होकर अब सेमलिया के लोगों ने सरपंच के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है रविवार को बांसवाड़ा उज्जैन मार्ग पर सेमलिया में इस तेज धूप में दो घंटे तक चक्का जाम कर सरपंच के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त करते हुए नारे बाजी की सूचना मिलते ही नामली थाना प्रभारी विक्रम सिंह चौहान मय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर चक्काजाम में शामिल महिला एवं ग्रामीणों से वरिष्ठ अधिकारियों की चर्चा करवा कर जल्द समस्याओ के निराकरण का आश्वासन देकर थाना प्रभारी ने चक्का जाम खुलवाया ग्राम सेमलिया के दिनेश मालवीय रवि परिहार कचरू परिहार कालीबाई सीमाबाई कांताबाई झमू बाई टीना बाई आदि ने नईदुनिया प्रतिनिधि को बताया की सेमलिया में सरपंच विशाल उर्फ मोनू चौहान पूरी तरह निष्क्रिय है हमने सबसे बड़ी गलती ऐसे भ्रष्ट सरपंच को चुनाव जीता कर ये ना तो समय पर ग्राम पंचायत में मिलता है और ना ही हमारी समस्याओं का निराकरण करता है इस कारण मजबुर होकर ऐसे भ्रष्ट निकम्मे सरपंच को सबक सिखाने के लिए हमको आज ये आंदोलन करना पड़ा अधिकारियों के आश्वासन पर हमने आंदोलन समाप्त कर दिया है यदि इस सप्तह में हमारी सभी समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन करेंगे,
नामली से गोकुल परमार