दस्तक अभियान के प्रथम चरण का शुभारम्भ मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक गीता भवन देवास में 25 जून को किया जाएगा

दस्तक अभियान के प्रथम चरण का शुभारम्भ मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक गीता भवन देवास में 25 जून को किया जाएगा

 

 

देवास । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शिवेन्द्र मिश्रा ने बताया कि जिले में दस्तक अभियान का प्रथम चरण 25 जून से 27 अगस्त तक आयोजित होगा। जिला स्तर पर दस्तक अभियान के प्रथम चरण का शुभारंभ 25 जून को शहरी स्वास्थ्य संस्था मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक गीता भवन में प्रातः 11 बजे जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ब्लॉक स्तर पर भी अभियान का शुभारम्भ जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जावेगा। बाल्यकालीन बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार, रेफरल सुनिश्चित करने हेतु प्रदेश में प्रतिवर्ष दस्तक अभियान संचालित किया जाता है। अभियान का प्रमुख उद्देश्य बाल मृत्यु प्रकरणों में कमी लाना है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा, दस्तक अभियान का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से किया जाएगा

जिला टीकाकरण अधिकारी सह नोडल अधिकारी दस्तक अभियान डॉ सुनील तिवारी ने बताया कि दस्तक अभियान वर्ष में 2 बार (अधिकतम 6 माह तथा न्यूनतम 4 माह के अंतराल में) आयोजित किया जाता है। अभियान के प्रथम चरण में 5 वर्ष को चिकित्सीय जांच कर बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार, प्रबंधन पर बल दिया जाता है तथा द्वितीय चरण में विटामिन-ए अनुपूरण एवं प्रथम चरण में चिन्हित एनीमिक बच्चों की पुनः जांच की जाती है।

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अभियान के दौरान स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं के संयुक्त दल द्वारा 5 वर्ष तक के बच्चों के घर-घर जाकर उनकी जांच एवं आवश्यक उपचार, प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु गतिविधियां संचालित की जाएगी जिसमें 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान रेफरल एवं प्रबंधन समुदाय में बीमार नवजातों और बच्चों की पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल। 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रोटोकॉल आधारित प्रबंधन, 9 माह से 5 वर्ष तक के समस्त बच्चों को आयु अनुरुप विटामिन ए अनुपूरण। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बाल्यकालीन दस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओ. आर.एस. एवं जिंक के उपयोग संबंधी सामुदायिक जागरूकता में बढ़ावा एवं प्रत्येक घर में गृहभेंट के दौरान ओ.आर. एस. पहुँचायेंगे सघन दस्त रोग पखवाड़ा आई.डी.सी.एफ. गतिविधियों का आयोजन 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान, प्रबंधन एवं चिंहित कर रेफर करेंगे बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों एवं वृद्धि विलंब की पहचान एवं उनका आर.बी.एस. के कार्यक्रम से संबद्धीकरण करना। 5 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों में श्रवणबाधिता एवं दृष्टिदोष की पहचान, पुष्टि करं आर.बी.एस.के. कार्यक्रम में पंजीयन कर उपचारित कराना। समुदाय में समुचित शिशु एवं बाल आहारपूर्ति संबंधी समझाईश समुदाय को देना। एस.एन.सी. यू एवं एन.आर.सी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फॉलोअप को प्रोत्साहन। गृह भेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत एवं छूटे हुये बच्चों की टीकाकरण स्थिति की जानकारी ली जावेगी। विगत चरण तक डिजिटाईज किये गये बच्चों की जानकारी दस्तक मॉनिटरिंग टूल में अद्यतन की जावेगी। आशाओं द्वारा में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों की जानकारी प्राप्त कर संकलित की जावेगी।

रिपोर्टर :- साजिद पठान

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