गांव के जिम्मेदारों ने हीं आपस की साठ – गांठ में काट दिए बिना परमिशन के 100 के लगभग हरे-भरे पेड़। और जवाब दार लगे बचाने में।
पिपलोदा के गांव सोहनगढ़ के ग्रामीण अमृतराम सूर्यवंशी ने बताया कि शासकीय प्राथमिक विद्यालय स्कूल के बगीचे मे पेड़ पौधे लगे थे। वहा पर लगभग 15 से 20 वर्ष पुराने लगभग 100 पेड़ थे। जो गांव के सरपंच और पंचायत वालो ने कैलाश प्रजापत के साथ मिलकर वहा से सारे पेड़ पौधे कटवा दिए। और वहा पर खेत बना दीया गया वहा पर गांव के एक बुजुर्ग रामचंद्र पाटीदार जिनकी उम्र 80 साल थी उन्होने उन पोधो को पेड़ बनाया था। बिना किसी स्वार्थ के उन्होने अपने जीवन के 15 वर्ष इन पेड़ पौधों को बड़े करने में लगाए और उनकी 3 वर्ष पहले मौत हो गई उनके जानें के बाद इन लोगो ने वहा से सारे पेड़ पौधे कटवा कर खेत बना दीया गया। और कैलाश प्रजापत को उस जमीन का मालिक बनाया जा रहा था जो जिसकी खबर गांव के कुछ नागरिकों को मिली जिसमें गांव के दिलखूश सूर्यवंशी अमृतराम सूर्यवंशी दोनों ने मिलकर पिपलोदा तहसील मे आवेदन दिया की रतनलाल राठोड ग्राम पंचायत सोहनगढ सरपंच
कैलाश प्रजापत आगनवाडी कार्यकर्ता,मोजा पटवारी ग्राम सोहनगढ, सचिव शासकीय विद्यालय के प्राचार्य भी शामिल है। इन सबने मिलकर जहां बडे बडे आम, नीम, सिसम व निलगीरी के वृक्ष खड़े हुए थे। इनके द्वारा एकमत होकर बिना किसी अधिकारी की अनुमती प्राप्त किये उक्त हरे वृक्षो को काट दिया गया ओर उक्त वृक्षो से जो लकड़िया प्राप्त हुई उन्हे भी गांव के ही लोगो को बेच दिया गया। जिसमे समस्त ग्रामीण जन राधेश्याम, हीरालाल, करू, रवि, रतन, अमरचंद, पूर्व सरपंच सूर्यवंशी, लालाराम पाटीदार आदि ग्रामीण उपस्थित थे।
(इन्होंने लगाया आरोप)
सोहनगढ़ निवासी अमृतराम सूर्यवंशी ने आरोप लगाया की पटवारी से शिकायत करना चाही तो मोजा पटवारी द्वारा यह कहा गया की तुम 10 हजार रुपये ले लो और चुप हो जाओ।
पिपलोदा तहसीलदार देवेंद्र कुमार दानड द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों ने आवेदन दिया है पहले दूरभाष द्वारा सूचना मिली थी आज दिनांक 27/05/24 को ग्रामीणों द्वारा आवेदन दिया गया है। स्कूल परिसर में पेड़ काट दिए गए हैं, आवेदन पर निष्पक्ष रूप से जांच की जाएगी जो दोषी पाए जाते हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी।
पटवारी का कहना है मेरे द्वारा ऐसी कोई बात नहीं कही गई ग्रामीण जो आरोप लगा रहे हैं। वह सभी निराधार है, जब यहां बगीचे की कटाई हुई होगी तो तब मैंरी ड्यूटी निर्वाचन द्वारा बाहर लगी हुई थी।
शासकीय महाविद्यालय सोहनगढ़ के प्राचार्य द्वारा बताया गया कि यह मामला मेरी संज्ञान में नहीं है मुझे इस विषय में कोई जानकारी नहीं है।