Wheat rate today:गेहूं के भाव ने छुए आसमान। व्यापारियों के लटके मुंह। आगे क्या रहेंगे गेहूं के भाव।जानिए ताजा रेट

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Wheat rate today:गेहूं के भाव ने छुए आसमान। व्यापारियों के लटके मुंह। आगे क्या रहेंगे गेहूं के भाव।जानिए ताजा रेट।आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि गेहूं के भाव के बारे में लगातार कई दिनों से गेहूं के दाम आसमान छू रहे हैं व्यापारियों की हो गई सिटी बेटी गोल किस हो गए खुश किसानों के चेहरे पर खुशी का माहौल। एमपी के कई जिलों में गेहूं 3100 पर हो गए।

देश के कुछ राज्यों में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव एवं अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार किसी भी सूरत में गेहूं के भाव को नियंत्रित करने में लगी हुई है। केंद्र सरकार ने Gehun ke price को नियंत्रित करने के लिए जहां खुले बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू कर दी, वहीं रूस से गेहूं आयात करने की योजना बना ली है। लेकिन इसके बावजूद गेहूं के भाव में उछाल जारी है।

गेहूं के भाव नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं हाल ही में इंदौर सहित एमपी की अन्य प्रमुख मंडियों में गेहूं के भाव उच्चतम स्तर 3100 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। Gehun ke price किसानों, व्यापारियों एवं आम लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं, ऐसे में लिए जानते हैं गेहूं के वर्तमान भाव एवं आने वाले समय में क्या भाव रहने की संभावना है…

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सरकार के प्रयास नाकाफी सिद्ध हो रहे

Wheat rate today:गेहूं के भाव ने छुए आसमान। व्यापारियों के लटके मुंह। आगे क्या रहेंगे गेहूं के भाव।जानिए ताजा रेट

गेहूं की तेजी रोकने के लिए सरकार ने ओएमएसएस के तहत 50 लाख टन गेहूं की बिक्री का लक्ष्य रखा है। इस कोटे में से एमपी की आटा-मैदा मिलों को 100 टन गेहूं दिया जा जाना तय हुआ था, किंतु आगामी त्योहारों के देखते हुए इसकी मात्रा बढ़ाकर संभवतः 500 टन की जा सकती है। सरकार ने जून माह से गेहूं की बिक्री शुरू की है और 31 जुलाई तक 15 लाख टन में से 8.2 लाख टन की बिक्री हो चुकी है।

इधर दूसरी ओर सरकार गेहूं (Gehun ke price) की मांग को नियंत्रित करने के लिए 25 लाख टन चावल की बिक्री करेगी। सरकार द्वारा खुले बाजार में गेहूं एवं चावल की बिक्री किए जाने के परिणाम स्वरूप आटा- मैदा मिलों ने गेहूं के खरीदी भाव घटाए हैं। लेकिन इसके बावजूद मंडियों में गेहूं के भाव कम नहीं हो रहे हैं खासकर गेहूं की लोकवन एवं पूर्णा वैरायटी के भाव।

बाजार में चल रही तरह-तरह की अफवाह

बाजार में फिर से ऐसी चर्चा चल पड़ी है कि सरकार गेहूं पर से आयात शुल्क घटाने जा रही है। चर्चा यह भी है कि कुछ जहाज रास्ते है। वे दक्षिण भारत के बंदरगाह पर उतर सकते हैं। शुल्क हटाने के बाद भी आयात दक्षिण भारत में ही होगा। हालांकि यह बात कंफर्म है कि ओएमएसएस का कोटा बढ़ाने के बाद यह तय हो गया है कि आयात शुल्क में शायद अभी कटौती नहीं की जावेगी। व्यापारियों को गेहूं Gehun ke price का व्यापार सुरक्षित दिख रहा है। यही कारण है कि इंदौर मिल क्वालिटी 2575 रुपए बिक गया।

सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त भंडार नहीं

Gehun ke price : इस वर्ष फरवरी मार्च माह के दौरान गर्मी की शुरुआत होने के कारण गेहूं का उत्पादन घटा। मार्च में गर्मी की लहर के कारण 2023 में गेहूं का उत्पादन गिरकर 107.7 मिलियन टन हो गया, जो एक साल पहले 2022 को 109.6 मिलियन टन था। वहीं 1 जुलाई तक केंद्रीय पूल में 30.1 मिलियन टन गेहूं था, जो 27.6 मिलियन टन के बफर मानक से अधिक है, लेकिन जुलाई 2021 में 60.3 मिलियन टन के आधे से भी कम है। वहीं एमएसपी के तहत गेहूं की खरीद 26.14 मिलियन टन थी, जो 34 मिलियन टन के लक्ष्‍य से कम थी।

सरकार ने 2023 में भारत का (Gehun ke price) गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 112.7 मिलियन टन (एमटी) होने का अनुमान लगाया है, लेकिन व्यापारियों और मिल मालिकों का अनुमान है कि उत्तरी, मध्य और पश्चिमी मैदानी इलाकों में फरवरी-मार्च में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल 101-103 मिलियन टन होगी, जिससे नुकसान हुआ है।

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गेहूं के भाव कब तेज रहेंगे?

Wheat rate today:गेहूं के भाव ने छुए आसमान। व्यापारियों के लटके मुंह। आगे क्या रहेंगे गेहूं के भाव।जानिए ताजा रेट

वैश्विक स्तर पर खाद्यान्न की कमी वर्ष 2022 से ही चल रही है। 2022 फरवरी में रूस एवं यूक्रेन के मध्य युद्ध की शुरुआत होने के कारण दोनों देश में होने वाली गेहूं की पैदावार पर बड़ा असर पड़ा जिसके कारण वैश्विक स्तर पर खाद्यान्न की कमी हुई इसका असर लंबे समय तक रहेगा। उसी दौरान भारत से विश्व के कई देशों में गेहूं का निर्यात किया गया।

निर्यात के कारण स्थानीय स्तर पर Gehun ke price समर्थन मूल्य से अधिक रहे। जिससे समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रभावित हुई एवं सरकारी पुल में पर्याप्त मात्रा में गेहूं का भंडारण नहीं हो पाया। यही कारण रहा कि केंद्र सरकार ने मई 2022 में गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा भले ही गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया किंतु खाद्य भंडार में जो कटौती आई, उसकी भरपाई इस वर्ष तक नहीं हो पाई। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि Gehun ke price लंबे समय तक तेज बने रहने की संभावना अधिक है।

गेहूं के औसत भाव में वृद्धि, स्टॉक सीमा लगानी पड़ी
मंडियों में Gehun ke price बढ़ने के साथ-साथ गेहूं के औसत थोक भाव में भी इजाफा हुआ। पिछले 1 महीने के दौरान गेहूं के भाव थोक बाजार भाव में 6.2 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। गेहूं के थोक भाव पढ़ने से आटा एवं रवा के दाम में भी उछाल आया। बाजार में पिछले महीने गेहूं का थोक भाव जहां 2480 रुपए प्रति क्विंटल था वह अब 2633 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।

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