wheat New Variety: गेहूं की यह किस्में बना देगी किसानों को धनवान, होगी बंपर पैदावार, जाने पूरी खबर।

wheat New Variety:गेहूं की यह किस्में बना देगी किसानों को धनवान, होगी बंपर पैदावार, जाने पूरी खबर। नमस्कार किसान भाइयों आज की पोस्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं गेहूं की इन किस्मो के बारे में अगर हमारी इस पोस्ट में आपको कोई भी आपत्ति है तो इसकी समस्त जवाबदारी हमारी वेबसाइट राजस्थान ब्रेकिंग कि नहीं होगी क्योंकि यह संपूर्ण जानकारी हमने सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से आपको उपलब्ध कराई है।
गेंहू की किस्में Quantities
हमारे भारत देश में गेहूं का उत्पादन और wheat Variety का उत्पादन बहुत आयात से होता आ रहा है इसी क्रम में हम बात करें तो वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई wheat Variety DBW-327 विकसित की है जिससे 35 क्विंटल तक प्रति एकड़ पैदावार मिल सकती है wheat Variety बना देंगी मालामाल, प्रति हेक्टेयर होगा 65 से 75 क्विंटल उत्पादन, जानिए पूरी डिटेल, अब आपकी बारी… पढ़े-लिखे लोग भी खेती की और ध्यान दे रहे है क्योकि खेती में काफी ज्यादा फायदा होता है।
ऐसे में आप भी खेती करते है या करना चाहते है तो हम आपको लिए लेकर आये है wheat Variety जो देती है बंपर पैदावार। जिससे कि किसान आसानी से मोटा पैसा कमा सकते है। हर किसान यही चाहता है कि उसकी फसल अच्छी हो और ज्यादा उत्पादन हो जिससे की वह ज्यादा पैसे कमा सके लेकिन यह तब होगा जब आपके पास अच्छी wheat Variety की फसल की बुवाई हो। ऐसे ही हम ऎसी wheat Variety लेकर आये है जिसका उत्पादन पिछले साल किसानो को मोटी रकम देकर गया है।
wheat New Variety उत्पादन देने वाली फसल :
आईए जानते हैं संपूर्ण पोस्ट में गेहूं के उत्पादन होने वाली अन्य किस्मो के बारे में।
- पूसा मंगल Hi- 8713
- पूसा पोषण Hi – 8663
- पूसा तेजस- 8759
- पूसा मालवी और पूसा अनमोल
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Pusa Mangal Hi- 8713 गेंहू की किस्में
इसके पौधे की ऊंचाई 2.5- 3 फीट तक रहती है एवं इसका बीज दर / बीज की मात्रा 70 kg प्रति एकड़ है। इसकी बुवाई का समय 25 अक्टूबर से 15 नवंबर है। इसमें तीन से चार सिंचाई की आवश्यकता रहती है। पकने की अवधि 130 से 140 दिन एवं 32 क्विंटल प्रति एकड़ अधिकतम उत्पादन क्षमता है। इसमें लॉजिंग की समस्या एवं रोगों से लड़ने की खासियत है। यह किसने एमपी के किसानों के लिए अनुशंसित है। पूसा मंगल Hi- 8713 गेहू की एक उन्नत किस्म है जिसे कठिया wheat Variety कहा गया है।
इसका दाम मार्केट में अन्य गेहू के बदले ज्यादा मिलता है। इस wheat Variety का दाना मोटा बड़ा और चमक मे कम दिखता है। जिसका उपयोग दलिया, सूजी व पास्ता मे किया जाता है। पूसा मंगल Hi- 8713 wheat Variety के पौधे की ऊंचाई 2.5- 3 फीट तक रहती है एवं इसका बीज दर / बीज की मात्रा 70 kg प्रति एकड़ है। इसकी बुवाई अक्टूबर से नवंबर में की जाती है। इसे तीन से चार बार सिंचाई की आवश्यकता रहती है। इसके पकने की अवधि 130 से 140 दिन होती है। यह wheat Variety प्रति एकड़ 32 क्विंटल से अधिक उत्पादन की क्षमता रखता है।
Pusa Nutrition Hi – 8663 गेंहू की किस्में
wheat Variety के बीच इस समय सबसे ज्यादा उत्पादन देने वाली wheat Variety में HI-8663 का नाम सबसे आगे चल रहा है. इसकी उत्पादकता की बात की जाए, तो 95.32 किंवटल प्रति हेक्टेयर बताया जा रहा है. HI-8663 एक जीनोटाइप विशेषता, उच्च गुणवत्ता और अधिक उत्पादकता वाला गेहूं का बीज है पूसा पोषण Hi – 8663 की बात करे तो यह wheat Variety सबसे ज्यादा उत्पादन देने में सबसे आगे है। इसे Golden या Primioum गेहूं भी कहा जाता है। यह 95.32 किंवटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने में सक्षम है ऐसा बताया जा रहा है।
HI-8663 एक जीनोटाइप विशेषता, उच्च गुणवत्ता और अधिक उत्पादकता वाला गेहूं का बीज है। पूसा पोषण Hi – 8663 में एक पोषक तत्व की मात्रा ज्यादा पायी जाती है जिसकी वजह से इसकी मार्केट में काफी डिमांड है। इस गेहूं से रोटी के अलावा सूजी और पास्ता भी बनाया जाता है और इसमें प्रोटान की मात्रा काफी ज्यादा पाई जाती है। इस wheat Variety की बोनी के लिए नवम्बर का महीना सबसे उपयुक्त माना गया है। यह wheat Variety गर्मी को सहन कर सकती है। यह 120-130 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
Pusa Tejas- 8759 गेंहू की किस्में
पूसा तेजस एचआई 8759 wheat Variety एक हेक्टे. में 55-75 क्विंटल उत्पादन पूसा तेजस wheat Variety को मध्य भारत के लिए चिह्नित किया था। गेहूं की यह प्रजाति तीन-चार सिंचाई में पककर तैयार हो जाती है। पूसा तेजस ‘HI-8759’ किस्म को इंदौर कृषि अनुसंधान केन्द्र ने तैयार किया है। यह भी एक कठिया किस्म का गेंहू है। कठिया या ड्यूरम wheat Variety एचआई 8759 को उच्च उर्वरता व सिंचित दशाओं के अंतर्गत मध्य क्षेत्र में खेती हेतु पहचाना गया है। यह किस्म ‘ब्लास्ट’ रोग, गेरुआ रोग, कंड़वा, करनाल बंट रोगों से प्रतिरोधी है।
इस किस्म की पत्ती चौड़ी, मध्यमवर्गीय, चिकनी और सीधी होती है।इसके पौधे में 10 से 12 कल्ले होते हैं। यह किस्म ज्यादा पौष्टिक है। इसमें आयरन, जिंक, महत्वपूर्ण खनिज अधिक मात्रा में मौजूद हैं। इससे रोटी के साथ नूडल्स, पास्ता और मैकरॉनी जैसे खाद्य पदार्थ बनाने के लिए उत्तम हैं।इस किस्म को कम पानी की जरूरत रहती है। इस किस्म की बुवाई के 75 दिनों बाद बालियां निकल आतीं है और 115 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। प्रति 65 से 75 हैक्टेयर उपज मिल जाती है।
Pusa Malvi (HI 8737)गेंहू की किस्में
पूसा अनमोल Wheat HI-8737 Variety का गेंहू बाफले, लड्डू, थूली, रवा, बेकरी पदार्थ, सिवैय्या/नूडल्स, पास्ता आदि बनाने के लिए उपर्युक्त है। गेहूँ की इस किस्म में पत्तियों की चौड़ाई मध्यम, सीधी, गेहूँ की इस Variety में पत्तियों की सतह मोमयुक्त जिसके कारण इस Variety में सूखा सहन करने की असाधारण क्षमता देखी गई है। मालवी गेहूं का उपयोग खेती में करना कई मायनों मे महत्वपूर्ण है यह गेहूं की अधिक उत्पादन देने वाली Variety है, यह Variety मृदा में सूक्ष्म पोषक तत्वों की भरपाई करती है|
मालवी गेहूं से प्रोटीन, विटामिन से भरपूर विभिन्न पोष्टिक व्यंजन, दलिया, बाटी, सूजी एवं पोषण प्रदान करने वाले अनेक व्यंजन बनाये जा सकते हैं। गेंहु की यह एचआई 8737 (पूसा अनमोल) Variety115 से 120 दिन मे पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इस Variety को रोटी के साथ-साथ दलिया या सूजी, पास्ता बनाने में उपयोग किया जाता है। यह किस्म मालवी गेहूं का अधिक उत्पादन लगभग 65-70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर देने वाली समय पर बुवाई हेतु एवं सिंचित क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो रही है।