Ratlam mahalakshmi tampal: दीपावली के अवसर पर महालक्ष्मी का दरबार सजा नोटो और जैवरातों से। लग रहा बड़ा ही लुभावना।

Ratlam mahalakshmi tampal: दीपावली के अवसर पर महालक्ष्मी का दरबार सजा नोटो और जैवरातों से। लग रहा बड़ा ही लुभावना।रतलाम में प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर हो की प्रसिद्ध है। मंदिर में सजावट के लिए श्रद्धालुओं की दी गई राशि से पूरे मंदिर की सजावट होती है मंदिर में भक्तों द्वारा दी गई सामग्री से शृंगार व सजावट का दौर शुरू हो गया है। पहले मंदिर में सात नवंबर तक ही सामग्री ली जाना थी, लेकिन लगातार आर रहे भक्तों के कारण अब गुरुवार रात तक सामग्री ली जाएगी। इधर पुलिस प्रशासन भी मंदिर में सुरक्षा को लेकर जरूरी इंतजाम कर रहा है।
20 और 50 के नोटों की संख्या
रतलाम में हर साल पांच दिवसीय दीपोत्सव में नोट, सोने-चांदी के जेवर, हीरे-मोती आदि से होने वाले शृंगार को लेकर मंदिर में दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं। इस बार जेवर की बजाए नगदी ज्यादा आई है। इसमें भी 20 व 50 के नोटों की संख्या अधिक है।
50 हजार की नगद राशि बंद
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण 50 हजार रुपये से ज्यादा की नगदी नहीं ली जा रही है। शृंगार के लिए सामग्री देने वाले श्रद्धालुओं को टोकन दिया जा रहा है। इसी टोकन के आधार पर सामग्री वापस भी की जाएगी।
बुधवार रात सीएसपी अभिनव बारंगे ने मंदिर पहुंचकर सुरक्षा इंतजामों को लेकर मंदिर के संजय पुजारी से जानकारी ली। इसके बाद माणकचौक थाना टीआइ को भी इंतजाम करने के संबंध में निर्देश दिए। भक्त रणजीतसिंह ने बताया कि रतलाम के बाहर अन्य जिलों से भी भक्त सामग्री भेज रहे हैं। नगदी ज्यादा आ रही है।
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धनतेरस से मंदिर के पट खुल जाते हैं
पांच दिवसीय दीपोत्सव में श्रद्धालुओं द्वारा दिए जाने वाले आभूषण, हीरे, मोती, तिजोरी, नकदी आदि से की गई सजावट भाई दूज तक रहती है। इसके बाद श्रद्धालुओं को उनकी सामग्री वापस कर दी जाती है।सजावट के बाद पट धनतेरस पर तड़के शुभ मुहूर्त में खोले जाते हैं।
वर्षभर रहती है मां महालक्ष्मी की कृपा
धनतेरस से भाई दूज तक मंदिर में श्रृद्धालु लगातार दर्शन कर सकेंगे। धनतेरस पर पूर्व में कुबेर पोटली का वितरण किया जाता था, लेकिन इस दौरान अव्यवस्था होने लगी थी।मान्यता है कि मंदिर में सामग्री देने के बाद वापस लेकर घर में रखने पर वर्षभर महालक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
कुबेर की पोटली का वितरण
इस बार कुबेर पोटली बांटी जाएगी, लेकिन समय तय नहीं हुआ है। कुबेर पोटली में सीपी, सुपारी, कमल गट्टा, सिक्का आदि सामग्री रहती है। मान्यता है कि इसे घर की तिजोरी में रखने से समृद्धि बनी रहती है।
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